Tax Planning, Avoidance, Evasion Income Tax Notes Hindi

Tax Planning, Avoidance, Evasion Income Tax Notes Hindi

 

 

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Tax Planning, Avoidance, Evasion Income Tax Notes Hindi

 

कर-नियोजन, कर बचाव एवं कर अपवंचन (Tax Planning, Tax Avoidance and Tax Evasion)

 

प्रश्न 6 कर-नियोजन क्या है? कर-नियोजन की विशेषताएँ, उद्देश्य एवं महत्त्व बताइए।

 

अथवा

 

कर-नियोजन का प्रमुख उद्देश्य होता है, “करदाता के कर दायित्व को न्यूनतम करना इस कथन के सन्दर्भ में कर-नियोजन की आवश्यकता को समझाइये।

(रूहेलखण्ड, 2009)

 

अथवा

 

कर-नियोजन’ शब्द से आप क्या समझते हैं? कर-नियोजन के उद्देश्यों को बताइए।

 

उत्तर-

 

कर-नियोजन (Tax Planning) का अर्थ एवं परिभाषा

 

सरल शब्दों में, कर-नियोजन से आशय आय कर सम्बन्धी नियमों एवं प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए आय को इस प्रकार नियोजित करना है कि कम-से-कम आय-कर दायित्व उत्पन्न हो एवं कम से कम आय-कर का भुगतान करना पड़े। ऐसा करने के लिए उसे आय-कर नियमों का गहन अध्ययन करके उनमें उपलब्ध छूटों, राहतों एवं प्रेरणाओं की जानकारी करनी होगी तभी वह प्रभावपूर्ण कर-नियोजन कर सकता है।

 

प्रोफेसर डाल्टन के अनुसार, “कर-नियोजन सरकार की नीतियों के अनुरूप ईमानदारी से कार्य करते हुए कर छूट एवं कर प्रेरणाओं का लाभ उठाते हुए कर-दायित्व को न्यूनतम करने का वैधानिक तरीका है।”

 

कर-नियोजन के आवश्यक तत्त्व या विशेषताएँ

 

  1. कर-नियोजन नियमों, प्रावधानों एवं अधिसूचनाओं के अन्तर्गत किया जाता है, अतः कर-नियोजन वैधानिक है।
  2. वैधानिक होने के कारण कर-नियोजन को नैतिक क्रिया माना जाता है।
  3. कर-नियोजन से आय-कर-दायित्व में कमी आती है, फलस्वरूप हस्तगत आय में वृद्धि होती है।
  4. चूंकि आय निरन्तर समय अन्तराल में प्राप्त होती रहती है, इसलिए कर-नियोजन एक सत्त प्रक्रिया है।
  5. चूँकि कर-नियोजन सत्त प्रक्रिया है, फलस्वरूप अल्पकालीन एवं दीर्घकालीन दोनों ही प्रकार से कर-नियोजन किया जा सकता है।
  6. कर-नियोजन में आय, व्यय एवं विनियोगों का नियोजन किया जाता है।
  7. कर-नियोजन के विभिन्न स्वरूप होते हैं।
  8. कर-नियोजन का आधार उपलब्ध छूटें, राहतें, कटौतियाँ एवं प्रोत्साहन होते हैं।

 

कर-नियोजन के उद्देश्य-

 

(1) कर-दायित्व में कमी करना, (2) विवादों में कमी करना, (3) उत्पादक विनियोगों को प्रोत्साहन, (4) लागत में कमी करना, (5) रोजगार में वृद्धि करना, (6) आर्थिक स्थिरता लाना (7) अर्थव्यवस्था का स्वस्थ विकास करना।

 

कर-नियोजन का महत्व (Importance of Tax Planning)

 

कर-नियोजन केवल कर भुगतान करने वाले (करदाता) के लिए ही महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि यह समाज, देश, व्यापार, उद्योग आदि के लिए भी लाभदायक है।

 

  1. करदाता के लिए- करदाता, कर-नियोजन द्वारा अपने कर दायित्व को कम करता है। इस उद्देश्य के लिए वह अधिनियम में दी गई छूटों, राहतों तथा स्वीकृत कटौतियों का लाभ प्राप्त करता है। वह ऐसी योजनाओं में अपनी बचतों का निवेश करता है जहां से उसे अधिकतम कर लाभ प्राप्त होते है।

 

  1. समाज के लिए- समाज को भी कर-नियोजन से अनेक लाभ प्राप्त होते हैं। बचत राशि का उद्योगों में निवेश किया जाता है। नई औद्योगिक इकाईयां रोजगार के अवसर प्रदान करती है। इससे वस्तुओं की मांग में वृद्धि होती है परिणामस्वरूप लोगों का जीवन-स्तर बेहतर होता है।

 

  1. देश के लिए- सरकार ने राष्ट्र की प्रगति के लिए विकासशील योजनाएं शुरू की हैं। व्यक्तियों को बचत तथा निवेश के लिए प्रोत्साहित करके योजनाओं के लिए पूंजी में वृद्धि की जा सकती है। इससे सरकारी आगम पर बोझ कम पड़ता है।

 

  1. उद्योग तथा व्यापार के लिए- कर योजनाओं द्वारा सरकार लोगों को देश के विभिन्न भागों का सन्तुलित विकास करने के लिए प्रेरित करती है। यदि एक औद्योगिक उपक्रम पिछड़े जिले या पिछड़े राज्य में स्थापित हो जाए तो इससे होने वाली आय का कुछ प्रतिशत विशेष अवधि तक इन राज्यों तथा जिलों के विकास के लिए व्यय किया जा सकता है।

 

प्रश्न 7-“कर-नियोजन कर बचाने का एक वैधानिक एवं नैतिक तरीका है” इस कथन को समझाइए एवं इसके महत्व का वर्णन कीजिए। कर-नियोजन कर अपवंचन (Tax Evasion) से किस प्रकार भिन्न है?

(रूहेलखण्ड, 2009 Imp)

 

उत्तर- दिया गया कथन “कर-नियोजन कर बचाने का एक वैधानिक एवं नैतिक तरीका है” वास्तव में सत्य है। कर-नियोजन एक तकनीक है जिसके द्वारा एक व्यक्ति अपने कर दायित्व को विधान के प्रावधानों का किसी प्रकार उल्लंघन किए बिना कम करता है। कर-नियोजन की विस्तृत विवेचना हेतु प्रश्न 6 का उत्तर देखें।)

 

कर अपवंचन/कर वंचना/कर चोरी (Tax Evasion)

 

‘कर अपवंचन’ कर अधिनियम का उल्लंघन करके कर-दायित्व को कम करने अथवा कर-दायित्व से बचने की एक तकनीक है। यह पूर्णतः अवैधानिक है। जो करदाता कर अपवंचन करता है उसे आर्थिक दण्ड के रूप में अथवा कारावास के रूप में दण्डित किया जा सकता है। ‘कर अपवंचन’ जान-बूझकर, पूर्ण चालाकी के साथ तथा सरकार को धोखा देने के उद्देश्य से किया गया कर अधिनियम का स्पष्ट उल्लंघन है) । कर अपवंचन सामान्यतया दो प्रकार से किया जा सकता है-प्रथम-अवैध तरीके से अर्जित आय को कर विवरणी में न दिखाकर एवं द्वितीय-कर विवरणी में गलत एवं भ्रामक सूचनायें देकर कर योग्य आय में कमी करके अथवा गलत नीतियों का दावा करके कर वंचना की जा सकती है इस प्रकार कर वंचना में निम्नलिखित तत्व समाहित है

 

  1. कर-प्रावधानों का उल्लंघन करके कर वंचना की जाती है।
  2. कर-वंचना अनैतिक एवं अवैधानिक है फलस्वरूप पकड़े जाने पर करदाता को आर्थिक एवं अपराधिक दोनों प्रकार के दण्डों से दण्डित किया जाता है।
  3. कर वंचना से सरकार व देश को आर्थिक हानि होती है तथा काली-अर्थव्यवस्था के उदय होता है।

 

कर वंचना करने के कुछ उदाहरण-

 

  1. आय को छिपाकर अर्थात् करयोग्य आय का विवरण रिटर्न में नहीं लिखना।
  2. कृत्रिम एवं झूठे खचें बहीखातों में लिखकर आय को कम करना।
  3. व्यक्तिगत एवं पारिवारिक खर्चों को व्यापारिक खर्चों के रूप में डेबिट करके लाभ को कम करना जैसे-व्यक्तिगत उपयोग में आने वाली कार के पेट्रोल आदि के खर्चे, टेलीफोन के बिल, निजी यात्रा व्यय आदि मदें कई व्यापारी बहीखातों में व्यापारिक खर्चों के रूप में लिखकर अपने लाभ को कम दर्शाते हैं।
  4. स्टॉक का मूल्यांकन कम करके या अवास्तविक डूबत ऋण एवं हानियों को अपलिखित करके।
  5. कम बिक्री दर्शाकर अर्थात् बिना बिल का माल बेचना।
  6. अंशों आदि के विक्रय या हस्तांतरण पर होने वाले लाभों को छुपाना।
  7. अधिक मूल्य पर अचल सम्पत्ति का विक्रय एवं कम मूल्य पर उसका पंजीकरण करवाना एवं अंतर की राशि पर कर बचाना।
  8. निकट के रिश्तेदारों को कृत्रिम वेतन एवं व्याज का भुगतान
  9. रिश्तेदारों के नाम सम्पत्ति का कृत्रिम हस्तांतरण करके उस सम्पत्ति से होने वाली आय को अपनी आय में शामिल नहीं करना।
  10. झूठी कटौतियाँ प्राप्त करना, जैसे-कुछ करदाता दान की कृत्रिम रसीदें (बिना दान दिये) प्राप्त करके धारा 80G की कटौती प्राप्त कर लेते हैं। इसी प्रकार निर्यात व्यापार के लाभ को बढ़ाकर एवं आंतरिक व्यापार के लाभ को कम दर्शाकर निर्यात सम्बन्धी छूटें प्रप्त कर ली जाती हैं।

 

निष्कर्ष- कर अपवंचन न केवल अवैधानिक है बल्कि यह अनैतिक, समाज विरोधी तथा राष्ट्र विरोधी है इसलिए प्रत्यक्ष कर अधिनियमों में कर वंचना करने वाले व्यक्तियों पर भारी अर्थदण्ड लगाने एवं सजा देने के प्रावधान बनाए गए हैं।

 

कर-नियोजन एवं कर अपवंचन में अन्तर (Difference between Tax Planning and Tax Evasion)

 

1.कर-नियोजन के अन्तर्गत वैधानिक प्रावधानों का पालन किया जाता है, जबकि कर अपवंचन के अन्तर्गत वैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन किया जाता है।

  1. कर-नियोजन के माध्यम से कुछ सामाजिक एवं आर्थिक उद्देश्यों की पूर्ति की जाती है जबकि कर अपवंचन एक वैधानिक अपराध है जिसके करने पर आर्थिक दण्ड एवं सजा मिलती है।
  2. कर-नियोजन के लिए आयकर अधिनियम 1961, आय-कर नियमों, राजकीय अधिसूचनाओं, न्यायालयों के निर्णय एवं सम्बन्धित वित्त अधिनियम की गहन जानकारी आवश्यक है, परन्तु कर अपवंचन के लिए दुस्साहस (Boldness) की आवश्यकता होती है।
  3. कर-नियोजन के माध्यम से देश का आर्थिक विकास होता है, जबकि कर अपवंचन के द्वारा काला धन उत्पन्न होता है।
  4. कर-नियोजन को वैधानिक एवं नैतिक क्रिया कहा जाता है, जबकि कर वंचना अनैतिक एवं अवैधानिक है।
  5. कर-नियोजन अपनाने वाला भयमुक्त रहता है, जबकि कर वंचना करने वाला सदैव छापों एवं दण्ड के भय से घिरा रहता है।

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