Bcom Deductions from Gross Total Notes

Bcom Deductions from Gross Total Notes

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Bcom Income Tax Books Notes Question Paper

सकल कुल आय में से कटौतियाँ (Deductions from Gross Total Income)

(1) जीवन बीमा प्रीमियम, भविष्य निधि में अंशदान आदि के सम्बन्ध में (धारा 30C ); (ii) आश्रित विकलांग की चिकित्सा आदि व्यय के सम्बन्ध में (धारा 80DD); (ilii) पुण्यार्थ कोषों को दिये गये दानों के सम्बन्ध में (धारा 80G)

अथवा

निम्नांकित कटौतियों में से किन्हीं चार को समझाइये-(अ) धारा 80C, (ब) धारा 80CCC, (स) धारा 80G, (द) धारा 80GG एवं (य) धारा 80U।

उत्तर- आय-कर अधिनियम की धारा 80 में कुछ कटौतियों का वर्णन किया गया है जिन्हें करदाता की ‘कुल आय ज्ञात करने के लिए ‘सकल कुल आय में से घटाया जाएगा परन्तु इन सभी कटौतियों की राशि करदाता की ‘सकल कुल आय से अधिक नहीं हो सकती। यदि सभी कटौतियों की राशि ‘सकल कुल आय से अधिक है तो ये कटौतियां ‘सकल कुल आय की सीमा तक ही स्वीकृत होंगी एवं करदाता की कुल आय शून्य होगी।

Bcom Deductions from Gross

धारा 80 की महत्त्वपूर्ण कटौतियों की विवेचना

(1) जीवन बीमा प्रमियम, प्राविडेण्ट फण्ड में अंशदान आदि के सम्बन्ध में कटौती (धारा 80C)- इस कटौती के मुख्य प्रावधान निम्नलिखित हैं-

(i) यह कटौती केवल व्यक्ति करदाता एवं हिन्दू अविभाजित परिवार को ही उपलब्ध होती है।

(ii) यह कटौती कुछ विशिष्ट विनियोगों, भुगतानों, जमाओं एवं अंशदानों के लिए प्रदान की जाती है। उक्त सभी का भुगतान करदाता अपनी किसी आय से कर सकता है, चाहे वह आय कर अधिनियम के अंतर्गत कर-योग्य हो अथवा न हो।

(iii) इस कटौती के अन्तर्गत जमा/भुगतान की राशि का योग (धारा 80CCC एवं धारा 80CCD को सम्मिलित करते हुए) कर-निर्धारण वर्ष 2015-16 से अधिकतम 1,50,000₹ तक स्वीकृत है।

कटौती योग्य भुगतान-धारा 80C के अन्तर्गत निम्नलिखित विनियोगों, भुगतानों, जमाओं एवं अंशदानों को कटौती योग्य माना गया है

  1. जीवन बीमा प्रीमियम के भुगतान (बीमित राशि के 20% प्रीमियम तक) की कटौती स्वीकृत है। किसी व्यक्ति के मामले में पॉलिसी स्वयं के लिये, अपनी पत्नी या अपने पति अथवा अपने बच्चों के लिये एवं हिन्दू अविभाजित परिवार के मामले में पॉलिसी परिवार के सदस्य के लिये ली गई होनी चाहिये।
  1. वैधानिक भविष्य निधि एवं मान्यता प्राप्त भविष्य निधि में अंशदान।
  1. 15 वर्षीय सार्वजनिक भविष्य निधि में जमा की गई रकम
  2. [धारा 10(23D) में वर्णित] म्यूचुअल फण्ड के यूनिट जो बोर्ड द्वारा अनुमोदित हो, में विनियोग;
  1. राष्ट्रीय बचत-पत्र VIII निर्गम का गत वर्ष में अर्जित ब्याज;
  1. केन्द्रीय सरकार द्वारा अधिसूचित स्कीम के अनुसार किसी अनुसूचित बैंक में पांच वर्ष या अधिक की नियत अवधि के लिए जमा की गई राशि;
  1. राष्ट्रीय बचत पत्र (आठवां निर्गम) में अभिदान।
  1. भारतीय यूनिट ट्रस्ट की ULIP में अभिदान।
  1. जीवन बीमा निगम की जीवन धारा एवं जीवन अक्षय पॉलिसी में अभिदान।
  1. रिहायशी मकान खरीदने अथवा बनवाने के सम्बन्ध में लिये गये ऋण का गत वर्ष में भुगतान। इस मकान की आय मकान-सम्पत्ति से आय के शीर्षक में कर-योग्य होनी चाहिए:
  1. एक व्यक्ति (Individual) द्वारा भारत में स्थित किसी विश्वविद्यालय, महाविद्यालय, विद्यालय या शैक्षिक संस्था, को अपने बच्चों की पूर्णकालिक शिक्षा के लिए ट्यूशन फीस का भुगतान; यह छूट अधिकतम दो बच्चों के लिए मान्य होगी।
  1. राष्ट्रीय आवास बैंक के गृह ऋण खाते (Home Loan Account) में जमा की गयी राशि अथवा इस बैंक द्वारा स्थापित पेंशन फण्ड में अंशदान;
  1. भारत में रिहायशी मकानों के निर्माण अथवा क्रय करने के लिए दीर्घकालीन वित्त प्रदान करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की किसी कम्पनी की जमा योजना (जो केन्द्रीय सरकार द्वारा अधिसूचित हो) में जमा की गयी धनराशि;
  2. एक सरकारी कर्मचारी के वेतन में से स्थगित वार्षिकी (Deferred Anmuity) के लिए गत वर्ष में काटी गयो कोई रकम उसके वेतन के I/5 भाग तक;
  1. डाकखाने के पांच वर्षीय सावधिक खाते में जमा की गई राशि
  2. वरिष्ठ नागरिक बचत स्कीम, 2004 के अधीन जमा की गई राशि।
  1. राष्ट्रीय कृषि व ग्रामीण विकास बैंक (National Bank for Agriculture and Rural Development, NABARD) द्वारा जारी किए गए अधिसूचित बॉण्ड में अशदान।
  1. सुकन्या समृद्धि खाता योजना में जमा की गई रकम (कर-निर्धारण वर्ष 2015-16 से)।

(II) पेंशन फण्ड में अंशदान के सम्बन्ध में कटौती (धारा 80CCC)- यह कटौती एक व्यक्ति (An Individual ) को स्वीकृत होती है। गत वर्ष में यदि कोई व्यक्ति अपनी कर योग्य आय में से कोई धनराशि भारतीय जीवन बीमा निगम या किसी अन्य बीमाकर्ता की वार्षिक योजना में जमा करता है ताकि पेंशन फण्ड में से पेंशन मिल सके, तो उसमें जमा की गई धनराशि अथवा 1,50,000 जो दोनों में कम हो की कटौती स्वीकृत होगी।

विशेष (i) यदि करदाता अथवा उसका नामांकी वार्षिकी परिपक्व होने की तिथि से पूर्व वार्षिकी समर्पित कर देता है तो उसे गत वर्ष में समर्पण मूल्य की जो राशि प्राप्त होती है वह कर-योग्य होगी।

(ii) करदाता या नामांकित व्यक्ति द्वारा पेन्शन के रूप में प्राप्त राशि प्राप्ति वाले वर्ष में कर-योग्य होगी।

(iii) यदि अंशदान की राशि पर धारा 80C के अन्तर्गत कटौती प्राप्त कर ली गई है तो इस धारा के अन्तर्गत कोई कटौती नहीं मिलेगी।

(III) धारा 80C, 80CCC एवं 80CCD के अन्तर्गत कटौतियों की कुल राशि 1.5 लाख रुपये से अधिक नहीं होगी धारा 80CCE]

(IV) चिकित्सा बीमा प्रीमियम के सम्बन्ध में कटौती (Deduction in respect of Medical Insurance Premium) [धारा 80D]- यह कटौती केवल व्यक्ति करदाता एवं हिन्दू अविभाजित परिवार को ही प्राप्त है बशते करदाता गत वर्ष में अपनी कर योग्य आय में से स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी (Mediclaim Policy) पर प्रीमियम का भुगतान सरकार द्वारा अनुमोदित (सामान्य बीमा कम्पनी या बीमा नियमन एवं विकास प्राधिकरण) किसी योजना के अन्तर्गत चैक अथवा डिमाण्ड ड्राफ्ट द्वारा करें।

यदि किसी व्यक्ति करदाता ने अपने जीवन साथी के अथवा माता-पिता तथा आश्रित बच्चों के स्वास्थ्य का बीमा करवाया है या हिन्दू अविभाजित परिवार ने परिवार के किसी भी सदस्य का स्वास्थ्य बीमा करवाया हो, तो उसके लिए कर-निर्धारण वर्ष 2016-17 से चुकायी गयी बीमा प्रीमियम की वास्तविक रकम या 25,000 जो दोनों में से कम हो, की कटौती मिलेगी। यदि बीमित व्यक्ति वरिष्ठ नागरिक (आयु 60 वर्ष या अधिक है) तो कटौती की अधिकतम सीमा 30,000 र है। माता-पिता के सम्बन्ध में स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम की चुकाई गयी वास्तविक रकम अथवा 25,000 जो भी दोनों में कम हो की अतिरिक्त कटौती स्वीकृत होती है, परन्तु वरिष्ठ नागरिक माता-पिता की दशा में चुकायी गयी वास्तविक रकम अथवा 30,000 जो भी दोनों में कम हो की कटौती स्वीकृत होगी। कर निर्धारण वर्ष 2011-12 से केन्द्रीय सरकार स्वास्थ्य परियोजना (CGHS) एवं कर-निर्धारण वर्ष 2014-15 से केन्द्रीय सरकार द्वारा अधिसूचित किसी अन्य स्वास्थ्य परियोजना में दिये गये अंशदान पर भी घारा 80 D की कटौती का लाभ स्वीकृत कर दिया गया है।

(V) धारा 80 DD के अन्तर्गत विकलांग आश्रित व्यक्तियों के भरण-पोषण एवं चिकित्सा पर हुए व्यय के सम्बन्ध में कटौती- यदि भारत में निवासी व्यक्ति अथवा हिन्दू परिवार अविभाजित परिवार द्वारा अपने पर आश्रित, विकलांग व्यक्ति की चिकित्सा, प्रशिक्षण अथवा पुनर्वास पर कोई व्यय किया गया है अथवा इसी उद्देश्य हेतु भारतीय जीवन बीमा निगम, अन्य बीमाकर्ता या यूनिट ट्रस्ट ऑफ इण्डिया के द्वारा बनायी गयी ऐसी योजना में धन जमा किया गया है तो इस सम्बन्ध में कर-निर्धारण वर्ष 2016-17 से 75,000 तथा गम्भीर रूप से निसक्तता से ग्रस्त आश्रित (असमर्थता/विकलांगता 80% से अधिक है) के लिए 1,25,000 की कटौती प्राप्त होगी।

इस धारा के अन्तर्गत कटौती प्राप्त करने के लिए यह आवश्यक है कि करदाता को आय-कर विवरणी के साथ चिकित्साधिकारी द्वारा प्रदत्त इस आशय का प्रमाण-पत्र संलग्न करना होगा। यदि विकलांग आश्रित की मृत्यु करदाता की मृत्यु के पूर्व हो जाये तो वापसी के रूप में प्राप्त राशि कर-योग्य मानी जायेगी।

(VI) उच्च शिक्षा हेतु लिए गए ऋण पर व्याज भुगतान के सम्बन्ध में कटौती (धारा 80E)- यह कटौती एक व्यक्ति करदाता को अपने या जीवनसाथी या बच्चों की उच्च शिक्षा हेतु लिये गये ऋण के ब्याज के भुगतान के सम्बन्ध में दी जाती है। इस कटौती से सम्बन्धित प्रमुख प्रावधान निम्न प्रकार हैं-

  1. ऋण स्वयं की या जीवनसाथी या बच्चों की उच्च शिक्षा हेतु लिया गया हो। उच्च शिक्षा से आशय इंजीनियरिंग, मेडिकल, प्रबन्ध, एप्लाइड या प्योर साइंस, गणित अथवा सांख्यिकी के ग्रेज्युएट या पोस्ट ग्रेज्युएट कोर्स से है।
  1. ऋण किसी बैंक, वित्तीय संस्थान या मान्यता प्राप्त पुण्यार्थ संस्था से प्राप्त किया गया हो, व्यक्तिगत नहीं।
  1. ऋण के ब्याज का भुगतान करदाता ने अपनी करयोग्य आय से किया हो।
  1. गत वर्ष में भुगतान की गई ब्याज की सम्पूर्ण राशि पर कटौती मिलेगी।
  1. यह कटौती ब्याज का सम्पूर्ण भुगतान होने या 8 वर्ष (जो पहले हो) तक मिलेगी अर्थात् यह कटौती ब्याज का भुगतान करने वाले वर्ष से लेकर अधिकतम 8 वर्षों तक अथवा ऋण का ब्याज सहित भुगतान पूरा होने वाले वर्ष तक जो भी पहले आए, प्रदान की जाएगी अर्थात् भुगतान प्रारम्भ करने वाले प्रारम्भिक वर्ष में अथवा अगले 7 वर्षों तक ही यह कटौती दी जा सकती है। यदि ऋण का ब्याज सहित भुगतान उक्त अवधि से पूर्व हो जाता है तो यह कटौती उसी अवधि तक दी जाएगी।

(VII) रहने हेतु लिए गये मकान के भुगतान किये गये किराये के सम्बन्ध में कटौती (धारा 80GG) यदि कोई व्यक्ति (An Individual ) अपनी कर योग्य आय में से अपने रहने के मकान हेतु किराये के रूप में कोई भुगतान करता है तो भुगतान की गई किराये की राशि के सम्बन्ध में निम्नलिखित शतें पूरी होने पर यह कटौती स्वीकृत की जाती है

(1) करदाता या तो स्वयं का कारोबार करता हो अथवा ऐसा वेतन पाने वाला कर्मचारी हो जिसे अपने नियोक्ता से मकान किराया भत्ता नहीं मिल रहा हो। 

(2) करदाता के या उसके जीवनसाथी के या उसके अवयस्क बच्चे के या यदि करदाता हिन्दू अविभाजित परिवार का सदस्य है तो उस परिवार के स्वामित्व में उस स्थान पर जहाँ पर वह सामान्यतया रहता हो या नौकरी करता हो या अपना व्यापार या पेशा चलाता हो, कोई आवासीय मकान न हो।

(3) करदाता ने भुगतान किये गये किराये के सम्बन्ध में फार्म 10BA के अन्तर्गत एक घोषणा पत्र दाखिल किया हो।

कटौती की राशि: निम्नलिखित राशियों में से न्यूनतम राशि कटौती योग्य है

(i) भुगतान किया गया वास्तविक किराया-समायोजित कुल आय (ATI) का 10%

(ii) समायोजित कुल आय (Adjusted Total Income) का 25%

(iii) 5,000 प्रतिमाह (कर-निर्धारण वर्ष 2017-18 से)

नोट- समायोजित कुल आय से आशय सकल कुल आय में से धारा 80C से 80U तक को स्वीकृत कटौतियाँ (परन्तु धारा 80GG की कटौती को छोड़कर) तथा दीर्घकालीन पूँजी लाभ एवं धारा 111A में वर्णित अल्पकालीन पूँजी लाभ घटाने के बाद बची हुई आय से है।

(VIII) भारतीय कम्पनी द्वारा राजनीतिक दल को अंशदान (धारा 80GGB)- यदि कोई भारतीय कम्पनी किसी राजनीतिक दल को अंशदान (Contribute) देती है तो उसे ऐसी राशि की कटौती मिलेगी।

स्पष्टीकरण- अंशदान की राशि कम्पनी अधिनियम, 2013 की धारा 182 में निर्धारित राशि से अधिक नहीं होगी।

(IX) व्यक्ति (Person) द्वारा राजनीतिक दल को अंशदान (धारा 80GGC)- यदि कोई व्यक्ति (स्थानीय सत्ता एवं कृत्रिम न्यायिक व्यक्ति को छोड़कर जिसे सरकार से आर्थिक सहायता मिलती है) किसी राजनीतिक दल को अंशदान देता है तो उसे ऐसी राशि की कटौती मिलेगी।

(X) स्थायी रूप से शारीरिक असमर्थता ( अंधेपन को सम्मिलित करते हुए) से पीड़ित व्यक्ति की दशा में कटौती |धारा 80U]- भारत में निवासी व्यक्ति जो शारीरिक असमर्थता से पीड़ित है, अपनी कर-योग्य आय की गणना करने में कर-निर्धारण वर्ष 2016-17 से धारा 80U के अन्तर्गत 75,000 की कटौती पाने का अधिकारी है। यदि वह व्यक्ति गम्भीर शारीरिक असमर्थता अर्थात् 80% से अधिक असमर्थता से पीड़ित है तो 1.25,000 की निश्चित राशि कटौती योग्य है। इस धारा में कटौती प्राप्त करने के लिये चिकित्सा अधिकारी द्वारा जारी किये गये प्रमाण-पत्र को आय की विवरणी के साथ प्रस्तुत करना होगा। यह प्रमाण-पत्र चिकित्सक द्वारा बताई गई अवधि तक वैध माना जाता है।

असमर्थता से आशय- (i) अन्यापन (Blindness); (ii) कम दिखाई देना (Low vision); (iii) कोढ़ रोग (Leprosy-cured); (iv) श्रवणशक्ति की क्षति/बहरापन (Hearing impairment); (v) चलने में असमर्थता (Locomotor disability); (vi)” मानसिक पिछड़ापन/पागलपन (Mental retardation); (vi) मानसिक/दिमागी बीमारी (Mental illness), (viii) आत्मविमोह (Autism); (ix) दिमागी पक्षाघात (Cerebral Palsy); (x) बहुल अयोग्यताएँ (Multiple disabilities) आदि |

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