UP TGT PGT All Information Study Material Sample Model Question Answer Papers
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tgt pgt hindi syllabus latest news all information all syllabus 2017 : हिंदी साहित्य का विकासप्रथम विचारधारा के विचारको के अनुसार, “ विशव की प्रत्येक भाषा के साहित्य में यह समान्य परवर्ती दिखाई देती है कि पहले पद्य का विकास होता है और बाद में गद्य का | ससार के प्राचीनतम ग्रन्थ पद्य के रूप में मिलती है “
दूसरी विचारधारा के विचारको के अनुसार, “सस्कृत में पद्य का ही महत्व था अतः परर्वती भारतीय भाषाओं ने भी सस्कृत के इसी आदर्श का पालन किया , अतः हिंदी में भी गद्य का विकास नही हो सका “
इस संदर्भ में डॉ गणपतिचन्द्र गुप्ट के विचारो अधिक समीचीन है उनके अनुसार, “ जब किसी युग-विषेस में जीवन का दृष्टिकोण भी यथार्थवादी, वस्तुवादी, एव व्यावहारिक अधिक होता है तो उसमे गद्य को अधिक प्रोत्साहन मिलता है , जब कि इसका विपरीत जीवन में भावुकता, तर्क-शुन्यता , आध्यात्मिकता एव काल्पनिकता की प्रतिस्ठा होने पर उसमे अभिव्यक्ति पद्य का माध्यम अपनाती है |
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संस्क्रत व्याकरण
- मुहावरे एव लोकोकित्या
- रस
- छन्द
- अलकार
- अनेक शब्द के लिये एक शब्द
- सन्धि प्रकर
रस का स्थायी भाव
क्रम | स्थायी भाव | रस | क्रम | स्थायी भाव | रस |
१. | रति | श्रंगार | २. | हास | हास्य |
३. | शोक | करूण | ४. | क्रोध | रोद्र |
५. | उत्साह | वीर | ६. | भय | भयानक |
७. | जुगुप्सा | वीभत्स | ८. | विस्मय | अद्भुत |
९. | निवेद (उदासीनता) | शांत | १०. | वत्सलता | वात्सल्य |
११. | देवताविस्यक रति | भक्ति |
रस
- हास्य रस ( परिभाषा, उदाहरण- )
- करूण रस ( परिभाषा, उदाहरण- )
- वीर रस ( परिभाषा, उदाहरण- )
- शान्त रस ( परिभाषा, उदाहरण- )
अलकार
- अनुप्रास ( परिभाषा, उदाहरण- )
- यमक ( परिभाषा, उदाहरण- )
- उपमा ( परिभाषा, उदाहरण- )
- भ्रन्तिमान ( परिभाषा, उदाहरण- )
- सन्देह ( परिभाषा, उदाहरण- )
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छन्द
- मात्रिक छन्द
- चौपई ( परिभाषा, उदाहरण- )
- दोहा ( परिभाषा, उदाहरण- )
- कुडलिया ( परिभाषा, उदाहरण- )
- रोला ( परिभाषा, उदाहरण- )
अनेकाथी शब्द
क्रम | शब्द | अनेक अर्थ | क्रम | शब्द | अनेक अर्थ |
१. | अर्थ | धन, आकाश , व्याख्या, प्रयोजन I | २. | अर्क | सूर्य, आक का पोधा I |
३. | उतर | बाद का, जवाब, उतर दिशा I | ४. | कपि | हाथी, सूर्य, बन्दर I |
५. | कृष्ण | श्रीकृष्ण, काला, वसुदेव के पुत्र I | ६. | घर | मकान, कुल, कार्यालय I |
७. | रस | पेय, सार, प्रेम, काव्य का आनन्द I | ८. | फूल | सुमन, दाह कर्म के पस्चात I |
९. | बाल | बालक, केश, गेहूं की बाल I | १०. | नदी | पर्वत, झोल आदि से निकलने वाला जल का प्रकर्तिक, प्रवहा I |
११. | पद | स्थान, पदवी, पैर, भाग, गीत I | १२. | तीर | बाण, तटI |
१३. | योग | जोड़, योग-साधना, योग्य I | १४. | भुजग | साप, स्त्री का उपपति, सीसा धातू I |
१५. | पयोधर | स्तन, बादल, समुंद्र, गनना I |
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