Meaning of Branch Account and Objectives of Financial Accounting Notes in Hindi
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शाखा खाते Branch Account
Meaning of Branch Account and Objectives of Financial Accounting Notes in Hindi : आधुनिक व्यवसायिक युग में व्यवसाय का आकर बड रहा है | ऐसे में अपने व्यवसाय का विस्तार करने के लिये व्यवसायिक संस्थाये विभिन्न स्थानों पर अपनी शाखाये खोलकर मॉल की बिक्री करती है इन शाखाओ का नियंत्रण एक मुख्य कार्यालय द्वारा किया जाता है मुख्य कार्यालय अपनी शाखाओ को मॉल की पूर्ति करता है तथा उनके सभी क्रिय-कलापों पर नियंत्रण रखता है मुख्य कार्यालय को अपनी प्रत्येक शाखा का लाभ हानि ज्ञात करना होता है इसके लिये मुख्य कार्यालय की पुस्तको में जो खाते बनाए जाते है उन्हें शाखा खाते कहते है |
शाखा खाते के उदेश्य Objectives of Branch Account
- बिक्री में वर्धि (Increase in Sales) — मुख्य कार्यालय द्वारा जोशाखाये खोली जाती है, उनका उदेश्य व्यवसाय की बिक्री बढ़ाना होता है शाखा खातो की सहायता से शाखा की कुल बिक्री का ज्ञान होता है, जिससे उसमें वर्धि की योजनायें तैयार की जाती है
- शाखाओ का नियंत्रण (Control on Branches) – शाखाओ की गतिविधियों पर मुख्य कार्यालय का नियंत्रण आवश्यक होता है शाखा खाते से शाखा की कार्यशील स्थिति का ज्ञान होता है इसमे शाखा की प्रगति का अनुमान लगाया जा सकता है इस प्रकार कम प्रगति करने वाली शाखाओ की चिन्हित करके उनकी कार्य छमता में वर्धि के उपाय किए जा सकते है |
- शाखाओ की माल की आवश्यकता का ज्ञान (Knowledge of Need Goods at Branch) — शाखा खाते तैयार करने से मुख्य कार्यालय को इस बात का अनुमान रहता है की किस शाखा को किस समय कितना मॉल की आवश्यकता है इससे शाखाओ को कभी भी माल की कमी की समस्या उत्पन्न नही होती है |
- शाखाओ के लाभ-हानि की गणना (Calculation of Profit and loss of Branch) — मुख्य कार्यालय अपनी शाखाये के लाभ- हानि ज्ञात करना चाहता है शाखा खता तैयार करक के वितीय वर्ष के अंत में अपनी शाखा की लाभार्जन स्थिति ज्ञात कर सकता है |
- लेखाकन की अनिवार्यता (Compulsory Accounting) — कम्पटी अधिनियम 1956, के अनुसार मुख्य कार्यालय द्वारा शाखाओ के लेखे रखना तथा अकेक्षण कराना वैधानिक रूप से अनिवार्य है
शाखाओ के प्रकार Types of Branches
- आश्चित शाखाये (Dependent Branches) — ऐसी शाखाये जो पूर्ण रूप से मुख्य कार्यालय पर निर्भर होती है आशित शाखाये कहलाती है सामान्यत ऐसी शाखाये को माल की पूर्ति मुख्य कार्यालय द्वारा की जाती है तथा व्ययों का भुगतान भी मुख्य कार्यालय द्वारा किया जाता है ऐसी शाखाओ की लेखांकन प्रक्रिया मुख्य कार्यालय द्वारा की जाती है शाखा अपने व्यवहारों के सभी विवरण मुख्य कार्यालय को प्रेषित करती है |
- स्वतन्त्र शाखाये (Independent Branches) — ऐसी शाखाये जिन्हें आवश्यकता पड़ने पर स्वय माल क्रय करने तथा अपने व्ययों का भुगतान करने का अधिकार होता है स्वतन्त्र शाखाये कहलाती है ये शाखाये अपने लेन-देंनो का हिसाब-किताब स्वय रखती है तथा वितीय वर्ष के अन्त में अपना तलपट मुख्य कार्यालय को भेजती है |
- विदेशी शाखाये (Foreign Branches) — ऐसी शाखाये जो दुसरे देशो में खोली जाती है विदेशी शाखाये कहलाती है ये शाखाये आशित अथवा स्वतन्त्र दोनों प्रकार की हो सकती है ये शाखाये विदेशी मुद्रा में अपना तलपट बनाकर मुख्य कार्यालय को भेजती है जिसे मुख्य कार्यालय अपने देश की मुद्रा में परिवर्तित करता है |
आशित शाखाओ की लेखा प्रणाली (Accounting System of Independent Branches)
आशित शाखाओ के लेखे रखने के लिए निम्न में से किसी भी विधि का चयन किया जा सकता है –
- साधारण विधि 3 अन्तिम खाते विधि
- रहतिया एव देनदार विधि 4 थोक मूल्य विधि
साधारण विधि (Simple Method )
- केवल नकद विक्रय करने वाली शाखाये
- नकद एव उधार विक्रय करने वाली
- शाखाये बीजक मूल्य पर माल भेजना
- साधारण एव असाधारण श्चति
- शाखा का रोकड़ शेष ज्ञात करना
- शाखा के रहतिए की गणना करना
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