Bcom Income Tax Authorities And Their Powers Notes
Bcom Income Tax Authorities And Their Powers Notes:-
In this post, you will get the notes of B.com 2nd year Income Tax, by reading this post you can score well in the exam, hope that this post has helped you with this post to all your friends and all groups right now I must share it so that every student can read this post and it can also be helped in this post. Bcom Income Tax Authorities
Read Also: Income Tax All Chapter wise Notes
Bcom Income Tax Books Notes Question Paper
आय-कर पदाधिकारी तथा उनके अधिकार (Income-Tax Authorities And Their Powers)
उत्तर- आय-कर अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों को सफलतापूर्वक कार्यान्वित करने तथा आय-कर विभाग के प्रभावी प्रशासन हेतु केन्द्र सरकार द्वारा कुछ आय-कर पदाधिकारियों की नियुक्ति की गई है। इन्हें पदाधिकारी या प्राधिकारी अथवा अधिकारीगण भी कहते हैं। आय-कर अधिनियम के अन्तर्गत निम्नलिखित दो प्रकार के प्राधिकारियों की नियुक्ति की गई है (Bcom Income Tax Authorities)
(i) कार्यकारी प्राधिकारी (Executive Authorities),
(ii) न्यायिक पदाधिकारी (Judicial Authorities)।
कार्यकारी पदाधिकारी आय-कर अधिनियम के प्रावधानों को प्रभावपूर्ण तरीके से लागू कराने में एवं अन्य प्रशासनिक कार्यों को सफलतापूर्वक सम्पन्न कराने में मदद करते हैं, जबकि न्यायिक पदाधिकारियों की नियुक्ति अपील (Appeal) से सम्बन्धित कार्यों को निपटाने के लिए की जाती है। (Bcom Income Tax Authorities)
विभिन्न आय-कर पदाधिकारी (Various Income Tax Authorities)
आय-कर अधिनियम, 1961 की धारा 116 के अन्तर्गत निम्नलिखित पदाधिकारियों का उल्लेख किया गया है
- प्रत्यक्ष करों का केन्द्रीय बोर्ड। 2. आय-कर प्रमुख निदेशक अथवा मुख्य आय-कर कमिश्नर। 3. आय-कर निदेशक अथवा आय-कर कमिश्नर अथवा आय-कर कमिश्नर (अपील)। 4. अतिरिक्त आय-कर निदेशक अथवा अतिरिक्त आय-कर कमिश्नर अथवा अतिरिक्त आय-कर कमिश्नर (अपील) 5. संयुक्त आय-कर निदेशक अथवा संयुक्त आय-कर कमिश्नर। 6. उप-निदेशक आय-कर अथवा उप-कमिश्नर आय-कर। 7. सहायक निदेशक आय-कर अथवा सहायक कमिश्नर आय-कर। 8. आय-कर अधिकारी। 9. कर वसूली अधिकारी। 10, आय-कर निरीक्षक।
- प्रत्यक्ष करों का केन्द्रीय बोर्ड (Central Board of Direct Taxes) यह एक स्वायत्त शासित संस्था है, जिसका गठन भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के अधीन केन्द्रीय राजस्व बोर्ड अधिनियम, 1963 Board of Revenue Act, 1963) के अन्तर्गत हुआ है। केन्द्रीय सरकार द्वारा लगाये गये सभी प्रकार के प्रत्यक्ष करों के (वर्तमान में आय-कर एवं धनकर) सम्बन्ध में एकमात्र सर्वोच्च प्रशासनिक संस्था है, जिसमें सभी केन्द्रीय प्रत्यक्ष करों के क्रियान्वन, पर्यवेक्षण एवं प्रशासन का अधिकार निहित है। इस वोर्ड में अधिक से अधिक 5 सदस्य हो सकते हैं जिनकी नियुक्ति केन्द्रीय सरकार द्वारा की जाती है। वर्तमान में इस बोर्ड में एक अध्यक्ष व चार अन्य सदस्य हैं। (Bcom Income Tax Authorities)
बोर्ड के अधिकार- 1. नियम बनाना, 2. आदेश एवं निर्देश देने का अधिकार, 3. स्पष्टीकरण देना, 4. कठिनाई दूर करना 5. नियुक्ति का अधिकार 6. पुन: कर-निर्धारण करना 7. कम्पनी घोषित करने का अधिकार 8 आवश्यक स्टाफ नियुक्ति का अधिकार 9. मा्फी की पुष्टि का अधिकार 10. दो या दो से अधिक कर-निर्धारण अधिकारियों को साथ-साथ कार्य करने का आदेश 11 जन-हित में सूचना प्रदान करने का आदेश 12. आपत्ति का प्रार्थना-पत्र लेने का अधिकार 13. निदेशक को कोई भी कार्य सौपने का अधिकार, 14. किसी उच्च प्राधिकारी को खोज (Investigation) एवं जब्त करने के लिए अधिकृत करना। (Bcom Income Tax Authorities)
- आय-कर महानिदेशक (Director General of Income Tax)– आय-कर महानिदेशक को प्रमुख निदेशक भी कहते हैं। इसकी नियुक्ति केन्द्र सरकार द्वारा धारा 117(1) के अन्तर्गत की जाती है। ये केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अधीन कार्य करते हैं। वर्तमान में तीन आय-कर महानिदेशक हैं-0) महानिदेशक-आय-कर एवं अंकेक्षण, (ii) महानिदेशक-अन्येषण एवं (ii) महानिदेशक-अनुसंधान, सांख्यिकी एवं प्रकाशन
आय-कर महानिदेशक की शक्तियाँ- 1.केन्द्रीय सरकार या बोर्ड द्वारा अधिकृत होने पर उपायुक्त स्तर से नीचे के पदाधिकारियों की नियुक्ति करना। 2. आय-कर अधिकारियों को निर्देश देने का अधिकार। 3 तलाशी एवं कब्जे में लेने का अधिकार। 4. सर्वेक्षण सर्वे करने का अधिकार। 5. अन्य विभाग के अधिकारियों के कब्जे से पुस्तकें, बहीखाते तथा प्रलेख माँगने का अधिकार। (Bcom Income Tax Authorities)
- मुख्य आय-कर आयुक्त या आयुक्त (Chief Commissioner or Commissoner of Income Tax)- इनकी नियुक्ति केन्द्र सरकार द्वारा की जाती है। ये केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अधीन कार्य करते हैं सामान्यतया प्रत्येक राज्य में एक आय-कर आयुक्त नियुक्त किया जाता है। (Bcom Income Tax Authorities)
मुख्य आय-कर आयुक्त या आयुक्त के अधिकार
- अधिकृत होने पर सहायक आयुक्त से नीचे के स्तर के अधिकारियों की नियुक्ति का अधिकार |
- एक निर्धारण अधिकारी से दूसरे निर्धारण अधिकारी को मामले के हस्तांतरण का अधिकार।
- न्यायिक अधिकार।
- घारा 132 में तलाशी लेने का अधिकार।
- सर्वे का अधिकार।
- धारा 134 में कम्पनियों के रजिस्टर के निरीक्षण करने का अधिकार।
- भविष्य निधि को मान्यता देने का अधिकार। (Bcom Income Tax Authorities)
- उप-निदेशक, उप-आयुक्त, सहायक निदेशक, सहायक आयुक्त (Deputy Director, Deputy Commissioner, Assistant Director, Assistant Commissioner)- इनकी नियुक्ति केन्द्र सरकार द्वारा की जाती है। ये आयुक्त के नियंत्रण में कार्य करते हैं। इनका मुख्य कार्य कर-चोरी का पता लगाना है।
उप-निदेशक, उप-आयुक्त, सहायक निदेशक, सहायक आयुक्त के अधिकार
- आय-कर अधिकारियों को निर्देश देना।
- धारा 131 के तहत् किसी मुकदमे की कार्यवाही के सम्बन्ध में उपायुक्त को वे सब अधिकार प्राप्त है जो Code of Civil Procedure, 1908 के अधीन किसी न्यायालय को प्राप्त है।
- तलाशी एवं कब्जे में लेने का अधिकार।(Bcom Income Tax Authorities)
- सभी आवश्यक सूचनाएँ माँगने का अधिकार।
- किसी कम्पनी के सदस्यों, तऋणपत्रधारियों अथवा बंधक के रजिस्टरों का निरीक्षण तथा प्रतिलिपियाँ लेने का अधिकार। (Bcom Income Tax Authorities)
- कर-निर्धारण अधिकारी (आय-कर अधिकारी) (Assessing officer) कर-निर्धारण अधिकारी व्यावहारिक रूप से आय-कर विभाग का सबसे महत्वपूर्ण अधिकारी होता है, क्योंकि यह अपने क्षेत्र के करदाताओं का कर-निर्धारण करता है। कर-निर्धारण अधिकारी का कार्य करने वाले निम्न अधिकारी होते हैं- (i) सहायक कमिश्नर, (ii) आयकर अधिकारी, (iii) संयुक्त-कमिश्नर। कर-निर्धारण अधिकारी वह होता है, जिसे प्रत्यक्ष करों के केन्द्रीय बोर्ड द्वारा निर्देश अथवा आदेश देकर किसी कर-निर्धारण का कार्यभार सौंपा गया हो। कर-निर्धारण अधिकारी के प्रमुख कार्य इस प्रकार है (Bcom Income Tax Authorities)
(i) कर-निर्धारण करना- यह अपने कार्यक्षेत्र में आने वाले करदाताओं का कर-निर्धारण करता है। यह इसका सबसे महत्वपूर्ण कार्य है, क्योंकि कर-निर्धारण ही कर वसूली का अधिकार होता है।
(ii) प्रवेश एवं जाँच का अधिकार- कर-निर्धारण अधिकारी को यह अधिकार है कि अपने क्षेत्र में किसी भी स्थान पर जाँच करने हेतु प्रवेश कर सकता है।
(iii) लेखा पुस्तकें तथा सूचनाएँ प्राप्त करना- यह करदाता से आवश्यक लेखा पुस्तकें, रिकॉर्ड एवं सूचनाएँ माँग सकता है। (Bcom Income Tax Authorities)
(iv) तलाशी एवं कब्जे में लेना- यह अपने कार्यक्षेत्र में तलाशी ले सकता है एवं संदिग्ध बहीखाता या सम्पत्तियों को अपने कब्जे में ले सकता है।
(v) गवाही लेना- यह किसी व्यक्ति से शपथ के आधार पर गवाही या बयान ले सकता है।
(vi) कम्पनी के रजिस्टरों की जाँच- यह कम्पनी के सदस्यों, ऋण-पत्र धारियों या अन्य प्रकार के रजिस्टरों का निरीक्षण कर सकता है एवं उनकी प्रतिलिपियाँ प्राप्त कर सकता है।
(vii) आय का विवरण प्रस्तुत करने के लिए सूचना देना- यदि यह समझता है कि किसी व्यक्ति की आय कर-योग्य है और उसने आय का विवरण प्रस्तुत नहीं किया है, तों उसे यह आय का विवरण प्रस्तुत करने के लिए सूचना दे सकता है।
(viii) कर वसूली करना- यह करदाता को कर का भुगतान करने के लिए माँग का नोटिस देता है एवं इसकी वसूली करता है।
(ix) न्यायिक अधिकार- इसे किसी मामले की सुनवाई के सम्बन्ध में वे सब न्यायिक अधिकार प्राप्त हैं, जो एक न्यायालय को प्राप्त होते हैं।
(x) फर्म का पंजीयन- आय-कर की दृष्टि से फर्म का पंजीयन करने और निरस्त करने का अधिकार होता है।
Bcom Income Tax Authorities
(xi) कर वापसी का समायोजन- यह किसी करदाता को कर की वापसी करने के स्थान पर वापिस की जाने वाली राशि का बकाया कर की वसूली के लिए समायोजन कर सकता है, लेकिन इसके लिए कमिश्नर से पूर्व अनुमति लेना आवश्यक है।
(xii) पुनः कर निर्धारण का अधिकार- यदि किसी करदाता की कोई आय भूल से कर-निर्धारण से छूट गयी हो या गलत कटौती दे दी गयी हो या कोई अन्य भूल हो गयी हो, तो वह पुनः कर-निर्धारण कर सकता है।
(xiii) कर की वापसी- यदि करदाता ने अग्रिम कर या उद्गम स्थान पर कटौती के रूप में नियमित कर-निर्धारण के अन्तर्गत देयकर से ज्यादा राशि जमा कर दी हो तो उसे कर की वापसी का आदेश इसी अधिकारी द्वारा दिया जाता है।
(xiv) स्थायी खाता संख्या देना- यह अपने कार्य क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले करदाताओं को स्थायी खाता संख्या आबंटित करता है।
(xv) अपीलेट ट्रिब्यूनल में अपील- यह किसी मामले के सम्बन्ध में अपील में दिये गये निर्णय के विरुद्ध अपीलेट ट्रिब्यूनल में अपील कर सकता है। इस प्रकार कर-निर्धारण अधिकारी को अनेक अधिकार एवं शक्तियाँ प्राप्त हैं।
- आय-कर निरीक्षक (Income Tax Inspector) आय- कर निरीक्षक की नियुक्ति केन्द्रीय सरकार के नियमों के अनुसार, आय-कर आयुक्त द्वारा की जाती है। जिस कर-निर्धारण अधिकारी के अधीन उसको नियुक्त किया जाता है, उसके नियन्त्रण में उसके द्वारा दिये गये कार्यों को यह सम्पन्न करता है। (Bcom Income Tax Authorities) इसका प्रमुख कार्य नये-नये करदाताओं का पता लगाना तथा कर-निर्धारण अधिकारी की आज्ञानुसार किसी भी प्रकार की जाँच करना है। धारा 133-A के अन्तर्गत कर-निर्धारण अधिकारी द्वारा अधिकृत होने पर वह अपने क्षेत्र में किसी व्यवसाय या पेशे के स्थान पर प्रवेश कर सकता है तथा धारा 133-A के अन्तर्गत वे सब कार्य कर सकता है जो कर-निर्धारण अधिकारी कर सकता है।
न्याय सम्बन्धी पदाधिकारी (Appellate Authorities)
आय-कर अधिनियम में कुछ न्याय सम्बन्धी पदाधिकारियों की भी व्यवस्था की गई है ताकि जब कोई करदाता कर-निर्धारण अधिकारी के निर्णय से सन्तुष्ट न हो तो वह इनके यहाँ न्याय पाने के लिए अपील कर सके। पदाधिकारियों की इस श्रेणी में मुख्यतया निम्नलिखित आते हैं- (1) उप-आयुक्त (अपील) एवं (2) आयुक्त ( अपील )। न्याय सम्बन्धी अन्य अधिकारियों में अपीलीय प्राधिकरण, उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय आते हैं।(Bcom Income Tax Authorities)
आय-कर आयुक्त (अपील) तथा उप-आयुक्त ( अपील) [Commissioner (Appeals) & Deputy Commissioner (Appeals)]
इनकी नियुक्ति केन्द्रीय सरकार द्वारा की जाती है ये प्राधिकारी सीधे प्रत्यक्ष करों के केन्द्रीय बोर्ड के नियन्त्रण में कार्य करते हैं, परन्तु बोर्ड को अपील सम्बन्धी कार्यों में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। वर्तमान में यह गैर-कम्पनी करदाताओं की दशा में 1,00,000 रु. से अधिक आय के मामलों एवं कम्पनी करदाताओं की दशा में 5,00,000 रु. से अधिक आय के मामलों की सुनवाई करता है।
आय-कर आयुक्त (अपील) / उप-आयुक्त (अपील) के कार्य एवं अधिकार
- न्यायालय सम्बन्धी अधिकार [धारा 131] आयुक्त (अपील) अथवा उपायुक्त (अपील) को इस अधिनियम के अन्तर्गत किसी मुकदमें को सुनने के समय वे सब अधिकार होते हैं, जो एक न्यायालय को Code of Civil Procedure, 1908 के अन्तर्गत होते हैं।
- सूचनाएँ मांगने का अधिकार (धारा 133)– इन्हें मामलों से सम्बन्धित सूचनाएँ प्राप्त करने के सभी अधिकार प्राप्त हैं।
- कम्पनी के रजिस्टरों का निरीक्षण [धारा 235)]- इन्हें कम्पनी के सदस्यों, ऋणपत्रधारियों अथवा बन्धक रजिस्टरों के निरीक्षण करने तथा इन रजिस्टरों की नकल प्राप्त करने का अधिकार है।
- कर वापसी की रकम का समायोजन (धारा 245]- कर की बकाया राशि की वसूली करने में कर वापसी की रकम का समायोजन करने का अधिकार। 5. अपील निपटाने के सम्बन्ध में अधिकार-धारा 251 के अन्तर्गत आय कर आयुक्त (अपील) अथवा उपायुक्त (अपील) को अपील निपटाने के सम्बन्ध में निम्नलिखित अधिकार प्राप्त हैं
(i) कर-निर्धारण के विरुद्ध की गई अपील के सम्बन्ध में उसे कर-निर्धारण को सम्पुष्ट (Confirm) करने, कम करने या रद्द करने का अधिकार है।(Bcom Income Tax Authorities)
(ii) उसे कर-निर्धारण अधिकारी को अपने निर्देशानुसार फिर से कर-निर्धारण (re-assessment) करने हेतु आदेश देने का अधिकार है। (iii) अर्थदण्ड (Penalty) के विरुद्ध की गई अपील के सम्बन्ध में यह अर्थदण्ड को सम्पुष्ट कर सकता है अथवा रद्द कर सकता है अथवा संशोधन करके अर्थदण्ड को कम कर सकता है या बढ़ा सकता है।
(iv) अन्य किसी दशा में, वह जैसा उचित समझे, निर्णय दे सकता है।
टिप्पणी- यदि उपायुक्त ( अपील) अथवा आयुक्त (अपील ) के किसी निर्णय के फलस्वरूप करदाता के कर-दायित्व में वृद्धि होती है अथवा वापसी की रकम कम होती है तो यह पदाधिकारी ऐसा निर्णय तभी दे सकता है जबकि उसने निर्णय देने के पूर्व करदाता को अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए उचित अवसर प्रदान किया हो।
Bcom Income Tax Authorities

![]() |
![]() |
![]() |
![]() |