B Com 2nd Year Agriculture Income Tax Define Notes

B Com 2nd Year Agriculture Income Tax Define Notes

B Com 2nd Year Agriculture Income Tax Define Notes :-

B Com 2nd Year Agriculture Income Tax Define Notes
B Com 2nd Year Agriculture Income Tax Define Notes

क्रषि आय का अर्थ, प्रकार, व्याख्या (agriculture income define , type, means)

सामान्य रूप से क्रषि आय से अभिप्राय क्रषि कार्य करने से उपज आदि की प्राप्ति क्रषि आय कहलाती है लेकिन आय कर में क्रषि आय की एक निश्चित एंव विशिष्ट अर्थ में व्याख्या की गई है |

क्रषि आय की परिभाषा – आय कर अधिनियम की धारा 2(IA) के अनुसार क्रषि आय से निम्न्कित तात्पर्य है –

  1. भारत में स्थित एंव क्रषि उद्देश्यों के लिए प्रयुक्त भूमि से प्राप्त किराया अथवा लगन |
  2. ऐसी भूमि से प्राप्त आय जो (i) क्रषि करने से हो , यह (ii) कर्षक अथवा भूमि का किराया प्राप्त करने वाले को उसके द्वारा उत्पादित यह प्राप्त उपज को बाजार में विक्रय योग्य बनाने के लिए सामान्यतया किये जाने वाले कार्य करने से हो , या (iii) कर्षक अथवा भूमि का किराया प्राप्त करने वाले को उसके द्वारा उत्पादित या प्राप्त उपज को विक्रय करने से हो |
  3. कर्षक अथवा भूमि का किराया प्राप्त करने वाले को ऐसे भवन से आय जो उसके स्वामित्व एंव अधिकार में है यदि निम्न्लिखिक्त शर्ते पूरी होती है –

(i) यह भवन उस भूमि पर यह उसके अत्यधिक निकट स्थित है और यह कर्षक द्वारा या भूमि का किराया प्राप्त करने वाले के द्वारा निवास हेतु या भण्डार ग्रह के रूप में या बाहरी माकन के रूप में प्रयुक्त होता है |

(ii) इस भूमि पर भारत में लगान लगत्ता है अथवा कोई स्थानीय कर लगता है जिसका निर्धारण तथा संग्रह सरकारी अधिकारीयो द्वारा किया जाता है यदि इस भूमि पर कोई लगन या स्थानीय कर नही लगता है तो इस भूमि पर कोई लगन या स्थानीय कर नही लगता है तो यह भूमि निम्नलिखित सीमओं, जिसे सहरी सीमा कहा जाता है के अंदर स्थित न हो –

(अ) 10,000 यह इससे अधिक की आबादी वालेल नगरपालिका या छावनी बोर्ड की सीमओं के अन्दर ; या

(ब) ऐसी नगरपालिका या छावनी बोर्ड की स्थानीय सीमाओं से 8 किलोमीटर दुरी तक अथवा ऐसी दुरी तक जो केन्द्रीय सरकार द्वारा सरकारी गजात में उस छेत्र के शहरीकरण के लिए गजट की गई हो |

कर निर्धारण वर्ष 2014-15 से यदि भूमि पर लगान या स्थानीय कर नही लगता और खेत का माकन निम्नलिखित छेत्र में स्थित है , तो ऐसे माकन की आय क्रषि आय नही होगी |

भूमि आकाशीय मार्ग से नापने पर निम्नलिखित छेत्र में स्थित है :



(i) स्थानीय सीमा से दो किलोमीटर सेटर में यदि वहां की जन्संख्य्हा एक लाख से अधिक है परन्तु दस लाख से अधिक नही है |

(iii) स्थानीय सीमा से आठ किलो मीटर छेत्र में , यदि वहन की जन्संख्य्हा दस लाख से अधिक है |

पादप नर्सरी से आय मानी गई कृषि आए हैं – नर्सरी में उगाए गए छोटे पौधे या 20 से उत्पन्न किया हुआ छोटा पौधा बेचने से आय कृषि आय मानी जाती है

कृषि आय के संबंध में ध्यान रखने योग्य महत्वपूर्ण बिंदु

  1. भूमि भारत में स्थित होनी चाहिए यदि भूमि भारत से बाहर स्थित है तो ऐसी भूमि की आय कृषि आय नहीं मानी जाएगी
  2. भूमि को कृषि कार्यों के लिए प्रयोग किया जाना चाहिए अर्थात भूमि को जितना पानी देना बीज बोना आदि क्रियाओं की जानी चाहिए अतः भूमि पर सुबह हो गई घास बेचने से होने वाली आय राष्ट्रीय आय नहीं मानी जाएगी
  3. भूमि से आय प्राप्तकर्ता का भूमि इसमें कुछ होना चाहिए भूस्वामी या किराएदार या बोल बंधक दार का हित भूमि में माना जाता है अतः तैयार फसल को खरीद कर उसे काट कर बेचने से होने वाली आय कृषि आय नहीं मानी जाएगी
  4. किसी भी आए को कृषि आए तभी माना जाएगा जब वह अप्रत्यक्ष रूप से कृषि से प्राप्त हो किसी से अप्रत्यक्ष आए किसी ने नहीं मानी जाएगी जैसे कृषि फार्म के मैनेजर का वेतन कृषि कार्यों में लगी कंपनी के प्राप्त लाभांश कृषि आय नहीं मानी जाएगी
  5. कृषि भूमि के विक्रय से होने वाला लाभ कृषि आय नहीं कहलाती

कृषि आय के प्रकार

आयकर अधिनियम की धारा 2 (IA) मैं प्रदेश कृषि आय की उपयुक्त वर्णित परिभाषा के आधार पर कृषि आय को निम्नलिखित पांच भागों में विभक्त किया जा सकता है 


  1. भूमि से प्राप्त किराया अथवा Lagaan – यदि भूमि का स्वामी अपनी भूमि को कृषि कार्यों में उपयोग कराने के लिए भूमि का अधिकार किसी अन्य व्यक्ति को दे देता है तो उसके बदले में उसे जो किराया अथवा Lagaan मिलता है वह उसकी कृषि आय होती है
  2. भूमि पर कृषि कार्य करने से प्राप्त आय – भूमि पर किसी भी व्यक्ति भूस्वामी किराएदार भूमि गिरवी रखने वाले या अन्य कोई व्यक्ति के द्वारा कृषि कार्य करने के परिणाम स्वरुप जो आय प्राप्त होगी वह किसी और कहलाएगी किसी क्रिया से आश्य भूमि जोतने पानी देने बीज बोने फसल उगाने आदि क्रियाओं के करने से है
  3. भूमि से प्राप्त उपज को विक्रय योग्य बनाने की क्रिया से होने वाली आय – भूमि से प्राप्त उपज कभी-कभी विक्रय योग्य नहीं होती अपनी उपज को विक्रय योग्य बनाने के लिए जो प्रतिक्रिया करता है और उससे जो आय होती है कृषि आय. मानी जाती है जैसे तंबाकू को उसी आदि को बेचने योग्य बनाने की क्रिया
  4. कृषक द्वारा कृषि की उपज को विक्रय करने से प्राप्त आय – किसान द्वारा स्वयं उत्पन्न की गई अथवा किराए के रूप में प्राप्त उपज को बाजार में बेचने अथवा अपनी स्वयं की दुकान पर बेचने से होने वाली आय किसे आय कहलाती है
  5. किसी कार्य में प्रयुक्त कृषि भवन से आय – वह भवन जो कृषि भूमि पर अथवा उसके अत्यधिक निकट स्थित है तथा कृषक अथवा किराए प्राप्त करने वाले के द्वारा निवास स्थान भंडार गृह या भारी मकान के रूप में प्रयुक्त किया जाता है किसी भवन कहलाता है ऐसे भवन से अर्जित आय भी कृषि आय कहलाती है
  6. अन्य किसी आय – उपरोक्त के अतिरिक्त निम्नलिखित प्रकार की आय को किसे माना जाता है
    • किसी और के प्रयुक्त वर्षों से जुड़ने हेतु श्रम योगी हुई घास अथवा जंगल को किराए में देने से आए
    • यदि किसी भूमि को बंधक रखकर किसी व्यक्ति ने लिख दिया हो तो बंधक रखने वाले व्यक्ति द्वारा कृषि कार्य में प्रयुक्त भूमि का किराया
    • फल अथवा फूलों की खेती से आय
    • करदाता द्वारा उगाई गई जंगल अथवा वृक्षों की लकडी फल आदि की बिक्री से आय
    • कृषि कार्यों में संगठन फर्म द्वारा साझेदारों को दिया गया पूंजी पर ब्याज एवं पारिश्रमिक साझेदारी के लिए कृषि आय माना जाएगा बशर्ते कि फनी को ऐसे ब्याज अथवा पारिश्रमिक की कटौती वह के रूप में मिलती हो
    • खड़ी फसल को ओलावृष्टि अथवा अन्य किसी कारण से हुई हानि के संबंध में बीमा कंपनी से प्राप्त क्षतिपूर्ति को कृषि आय माना जाएगा





जमीन से संबंधित गैर कृषि आय

निम्नलिखित आय कृषि आय जैसी प्रतीत होती है लेकिन यह एक ईसीआई नहीं होती क्योंकि इन में भूमि का उपयोग किसी कार्य के लिए नहीं होता अथवा आए भूमि से प्रत्यक्ष रुप से नहीं कमाई जाती है

  1. हाट बाजार के काम में आने वाली भूमि से आ य
  2. भूमि पर अपने आप उगे हुए पेड़ पौधों वह जंगलों से होने वाली आय
  3. मुर्गी पालन में पशु-पालन से आय
  4. किसी कार्य में प्रयुक्त गोदाम का किराया
  5. खानों में स्वामित्व के फल स्वरुप प्राप्त रॉयल्टी
  6. कृषि फार्म के मैनेजर को प्राप्त वेतन अथवा कोई पारिश्रमिक
  7. ईंट के भट्टों से प्राप्त होने वाली आए
  8. शिक्षकों को सिंचाई के लिए पानी देने से होने वाली आय
  9. डेयरी फार्म से होने वाली आय
  10. कृषि कार्यों में लगी कंपनी से प्राप्त लाभांश
  11. समुंदर का झील के पानी से नमक निकालने से होने वाली आय
  12. तालाब के सिंघाड़े से प्राप्त आय
  13. कृषि फार्म में कार्य करने वाले कर्मचारी का वेतन
  14. कृषक को फसल या अधिक उत्पादन करने पर प्राप्त इनाम
  15. कृषि कार्यों में प्रयुक्त भूमि के संबंध में प्राप्त किराए की बकाया रकम का ब्याज

कृषि आय एवं कर दायित्व

आयकर अधिनियम की धारा 10 आई के अनुसार कृषि आय कृषि आय कर से मुक्त है कर निर्धारण वर्ष 1973 74 तक कृषि आय पूर्णतया करमुक्त थी अर्थात नेहरू कृषि आय पर आयकर लगता था और 9 अन्य आय पर आयकर ज्ञात करने के लिए इसे कुल आय में सम्मिलित किया जाता था परंतु कर निर्धारण वर्ष 1974 75 से व्यक्ति या हिंदू अविभाजित परिवार करदाता का कर दायित्व ज्ञात करते समय किसी को ध्यान में रखा जाता है निम्नलिखित दोनों शर्तें पूरी होने पर कृषि आय को कुल आय में अलग से जोड़ कर सर्वप्रथम संयोजित सकल आय ज्ञात किया जाएगा और इसके बाद किसी और सीमांत दर से करके छूट घटाई जाएगी

  1. यदि व्यक्ति या हिंदू अविभाजित परिवार करदाता की कुल आय कृषि आय को छोड़ कर कर मुक्त सीमा से अधिक हो कर निर्धारण वर्ष 2014 15 के संबंध में सामान्य करदाता के संबंध में कर मुक्त सीमा ₹200000 है 7 वर्ष या अधिक परंतु 80 वर्ष से कम आयु वाले पुरुष एवं महिला निवासी व्यक्ति की दशा ढाई लाख रुपए एवं 80 वर्ष या अधिक आयु वाले निवासी व्यक्ति की दशा में ₹500000 हैं







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