B.com 1st Year Business Environment Importance and Classification

B.com 1st Year Business Environment Importance and Classification

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B.com 1st Year Business Environment Importance and Classification
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Business Environments व्यवसायिक पर्यावरण

B.com 1st Year Business Environment Importance and Classification : व्यावसायिक पर्यावरण दो शब्दों से मिलकर बना है व्यवसाय शब्द से आशय मनुष्य को व्यस्त रखने वाली आर्थिक किर्या ओ से है अर्थशास्त्र में व्यवसाय का अर्थ उन सभी मानवीय आर्थिक किर्याओ से है जो वस्तुओं तथा सेवाओं के उत्पादनं तथा वितरण के लिए की जाती है और जिनका उदेश्य प्ररस्परिक हित है इस तरह मनुष्य के द्वारा धनोपार्जन के लिए की जाने वाली समस्त किर्याए व्यवसाय के अन्तगर्त आती है किसी भी अनार्थिक किर्या को व्यवसाय में सम्मिलित नही किया जाता है व्यवसाय में केवल उन्ही मानवीय किर्याओ को शामिल किया जाता है जो समाज की विभिनन आवश्यकताओ को पूरा करने के लिए की जाती है |

इसी प्रकार पर्यावरण का तात्पर्य उन सभी घटकों से है जो किसी भी इकाई के चारो और विधमान रहते है और इकाई को इन घटकों में ही कार्य करना पड़ता है



 

व्यवसायिक पर्यावरण की परीभाषा—

रेनकी एव शाल के अनुसार , “यह उन समस्त बाह्म घटकों का योग है जिनकी प्रति व्यवसाय अपनी को अनवरत कर्ता है तथा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होता है”

प्रोo वीमर के अनुसार , “व्यावसायिक पर्यावरण में वह परिवेश अथवा उन आर्थिक, सामाजिक, राजनेतिक या सस्थागत दशाओ का समूह सम्मिलित होता है जिनके अन्तगर्त व्यावसायिक कार्य-कलापों का सचालन किया जाता है




व्यावसायिक पर्यावरण का महत्व (Importance of Business Environment)

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B.com 1st Year Business Environment Importance and Classification

B.com 1st Year Business Environment Importance and Classification : व्यवसाय अपने आस पास के वातावरण से न केवल प्रभावित होता है वरन स्वय अपनी गतिविधिया से पर्यावरण के निर्माण में योगदान भी देता है आज वैश्वीकरण के युग में जहा अनेक आंतरिक एव बाह्म घटक व्यवसाय के निधारक होते है वहा पर्यावरण का व्यवसाय में अत्यधिक महत्व है विश्व आर्थिक परिद्रश्य में कुछ राष्ट समर्द्ध एव उन्नतशील है और कुछ  गरीबी बेरोजगारी एव अशीक्षा जैसे समस्याओ से अनवरत सघर्ष के रहे है  आर्थिक असमानता में व्यावसायिक पिछड़ेपन के जो करक है उसके मूल में पर्यावरण का अंतर ही है जो पिछड़े और गरीब राष्टो के व्यावसायिक छेत्र में प्रगति को प्रतिबन्धित करता है व्यवसायिक छेत्र में पर्यावरण के महत्व को निम्नलिखित प्रकार से स्पष्ट किया जा सकता है —




  1. समग्र विकास में सहायक (Helpful in Overall Development)
  2. सामाजिक परिवर्तनों का महत्व (Importance of Social Changes)
  3. दीर्घकालीन योजना बनाना (Preparing Long Term Plans)
  4. बाजार की स्थितियों का ज्ञान (Knowledge of Market Positions)
  5. तकनीकी परिवर्तनों का महत्व (Importance of Technological Changes)
  6. शासकीय नीतियों का प्रभाव (Effect of Government Policies)
  7. समस्याओ के विरुद्ध सघर्ष की शमता की विकास (Development of struggle capacity against problem)
  8. अन्तर्राष्ट्रीय घटनाओ का महत्व(Importance of International)

 

व्यावसायिक पर्यावरण का वर्गीकरण (CLASSIFICATION OF BUSINESS ENVIRONMENT)

CLASSIFICATION OF BUSINESS ENVIRONMENT
CLASSIFICATION OF BUSINESS ENVIRONMENT

व्यवसायिक वातावरण को अपने आस पास के वातावरण पर ध्यान देना पड़ता है जिसमे उसका अस्तित्व होता है एक व्यवसाय तभी सफलता प्राप्त कर सकता है जब वह प्रचलित परिस्थिति तथा वातावरण पर पूरा पूरा ध्यान दे तथा उसका अनुरूप अपने कार्य में समायोजन कर ले | व्यावसायिक वातावरण अत्यन्त जटिल और विस्तृत होता है यह विभिन घटकों से प्रभावित होता है व्यावसायिक वातावरण निरन्तर परिवर्तनशील है क्योकि अनेक तत्व इसको प्रभावित करते है व्यावसायिक वातावरण आर्थिक,भोगोलिक, राजनितिक, सामाजिक, सस्क्रतिक, तकनीकी,वैधानिक एव अन्तर्राष्ट्रीय घटकों से प्रभावित होता है व्यवसायिक वातावरण को दो भागो में बाटा गया है—

 

  1. आन्तरिक वातावरण(Internal Environment)
  2. बाह्म वातावरण (External Environment)

 

  1. आन्तरिक वातावरण(Internal Environment) : आंतरिक घटक ऐसे घटक या तत्व होते है जिन्हें व्यवसाय ने प्राप्त कर लिया है अथवा अपनी आवश्यकताओ और शमता के अनुसार प्राप्त कर सकता है आन्तरिक घटक किर्यशिलता के स्तर को निधारित करते है जिसे एक व्यवसाय प्राप्त कर सकता है आन्तरिक घटकों के अन्तगर्त निमनाकित घटकों सम्मिलित किया जाता है

 

  1. वितीय ससाधन (Financial Resources)
  2. भोतिक ससाधन (Physical Resources)
  3. प्रोधोगिकी ससाधन (Technological Resources)
  4. मानवीय ससाधन (Human Resources)

 

  • बाह्म वातावरण (External Environment) : एक व्यवसाय को बाह्म पर्यावरण के साथ भी व्यवहार करना पड़ता है आंतरिक तत्व की भाति बाह्म तत्व भी व्यवसाय के लिए महत्वपूर्ण है बाह्म तत्वों या घटकों में ग्रहक, प्रतिस्पर्धा, सरकारी नीतिया, समाज आदि सम्मिलित किया जाते है बाह्म पर्यावरण में निम्न्लिखित घटकों को सम्मिलित किया जाता है –

 

  1. ग्राहक (Customer)
  2. प्रतिस्पधरी (Competitor)
  3. सरकार (Government)
  4. समाज (Society)

 

 


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